अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मैक्सिको, कनाडा और चीन से आने वाले वाहनों और कल-पुर्जों पर नए टैरिफ लगा दिए हैं। इस फैसले से इन देशों के ऑटोमोबाइल उद्योग पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।
नए टैरिफ का असर:
चीन, मैक्सिको और कनाडा से आने वाले वाहनों पर 15% से 25% तक टैरिफ लगाया गया है।
इस टैरिफ से जनरल मोटर्स (GM), फोर्ड, टेस्ला और टोयोटा जैसी कंपनियों को बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि वे इन देशों से अमेरिका में बड़े पैमाने पर वाहन निर्यात करती हैं।
मैक्सिको और कनाडा से अमेरिका में कारों की सप्लाई में कमी आ सकती है, जिससे अमेरिकी बाजार में कारों की कीमतें बढ़ सकती हैं।
भारत पर असर:
भारत के लिए यह एक मिश्रित स्थिति हो सकती है।
अगर अमेरिका चीनी और मैक्सिकन वाहनों को महंगा कर देता है, तो भारतीय वाहन निर्माता कंपनियों (Tata Motors, Mahindra, Maruti Suzuki) को निर्यात के नए अवसर मिल सकते हैं।
लेकिन अगर वैश्विक व्यापार में मंदी आती है, तो भारत के ऑटोमोटिव सप्लायर्स और टायर इंडस्ट्री पर दबाव आ सकता है।
विशेषज्ञों की राय:
अमेरिकी टैरिफ से भारत के लिए एक नई बाजार संभावना बन सकती है, लेकिन यह इस पर निर्भर करेगा कि भारतीय वाहन निर्माता अपने निर्यात को कैसे बढ़ाते हैं।
अमेरिकी टैरिफ का असली असर कुछ महीनों में दिखेगा, और भारत सरकार को अपने निर्यात नीति में बदलाव करने की जरूरत हो सकती है।