आज शेयर बाजार में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में जबरदस्त खरीदारी देखने को मिली। जहां बड़े स्टॉक्स जैसे सेंसेक्स और निफ्टी थोड़े दबाव में रहे, वहीं छोटे और मझोले कंपनियों के स्टॉक्स ने अच्छा प्रदर्शन किया।
इस बढ़त के पीछे कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण है रिटेल निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी। SIP और डायरेक्ट ट्रेडिंग के माध्यम से अब छोटे निवेशक भी बाजार में एक्टिव हो गए हैं। इसके अलावा, मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों के तिमाही नतीजे भी बेहतर रहे हैं। कई कंपनियों ने ग्रोथ और मुनाफा दोनों में अच्छा सुधार दिखाया है।

दूसरा कारण है FIIs का मेट्रो कंपनियों से निकलकर स्मॉलकैप स्पेस में निवेश बढ़ाना। तीसरा – सरकार की MSME योजनाएं और PLI स्कीम जैसी नीतियों से छोटे उद्योगों को सपोर्ट मिल रहा है।
क्या करें निवेशक?
मिडकैप और स्मॉलकैप में ग्रोथ की संभावना होती है, लेकिन रिस्क भी ज्यादा होता है। इसलिए स्टॉक चुनते समय कंपनी का बैलेंस शीट, प्रबंधन और उद्योग क्षेत्र की स्थिति जरूर देखें। लॉन्ग टर्म के लिए SIP या staggered buying बेहतर रहेगा।
निष्कर्ष:
छोटे स्टॉक्स में बड़ी संभावनाएं होती हैं, बशर्ते आप सही चुनाव करें। रिसर्च के साथ निवेश करें और लालच से बचें।